Tuesday 8 March 2011

कायर

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वह भयभीत है
क्योंकि उसका
एक अतीत है
वह जबसे
पैदा हुआ है
मौत ने उसको
बार-बार छुआ है
कहतें हैं
वीर एक बार मारतें है
और कायर
रोज मारतें हैं
उसने खुद से
रोज पूछा है  की
वह कायर
आखिर क्यों हुआ है
रोज मरना

 
शायद पहले मजबूरी थी
वीरता से
कैसी यह दूरी थी
अब मरना
हो गया है
रोज की आदतों में शामिल
बिना रोज मरे
अब नींद भी नहीं आती
उसने
कई बार की कोशिश
की,
रोज मरना छोड़ दे
और इस बुरी आदत से
नाता तोड़ ले
पर,
एसा करने पर
शरीर में होता है
उलटा 'रिएक्शन'
दिल की रफ़्तार
बढ़ जाती है
सारे बदन में
कंपकंपी छा जाती है
मुंह सूखने लगता है
और
पेट के बल
उलटा लेटना पड़ता है
मजबूर हो कर वह
एक के बाद एक
फिर
मरने लगता है
और मरते-मरते
जिन्दगी को
थाम लेने की
कोशिश करता है.

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